Wheat crop: गेहूं की फसल की बुवाई हर तरफ की जा चुकी है अब ऐसे में फिलहाल सिंचाई का दौर चल रहा है। फरवरी का महीना खेती के लिए बहुत सही माना जाता है। फरवरी के महीने में कई तरह की फसलों की खेती की जाती है लेकिन अभी फिलहाल गेहूं की सिंचाई का सीजन चल रहा है। अब ऐसे में गेहूं की सिंचाई को लेकर कुछ बातों का खास ध्यान रखना होता है जिसके जरिए फसल का उत्पादन अच्छा मिलता है साथ ही आपको दाने भी मोटे मिलते हैं। आइए अब हम आपको बताते हैं कि गेहूं की सिंचाई करते समय आपको किन बातों का खास ध्यान रखना होता है।
पाले से बचाव
फरवरी के महीने में ज्यादातर गेहूं की फसलों में पाले की समस्या देखने को मिलती है अब ऐसे में आपको इससे बचाव के लिए खेत में सिंचाई करते समय इस बात का खास ध्यान रखना होता है कि जब भी सिंचाई करें तब खेत में जल जमाव की स्थिति ना बने। अगर ऐसा होता है तो इससे फसल को नुकसान होता है। अगर लंबे समय तक फसल में जल जमाव होता है तो पाले की समस्या उत्पन्न होती है। इसलिए आपको इस बात का खास ध्यान रखना होगा।
यूरिया का छिड़काव
गेहूं की फसल में आपको हल्की सिंचाई करनी है। जिसके बाद में इस बात का ध्यान रखना है कि खेत में सिंचाई के बाद में यूरिया का छिड़काव करना बहुत जरूरी होता है। क्योंकि गेहूं की फसल में यूरिया का बहुत खास महत्व होता है।
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बुवाई में पहली सिंचाई
पछेती किस्म की बुवाई के बाद में अब पहली सिंचाई का समय हो चुका है। अब ऐसे में आपको फसल में पहली सिंचाई कर देना चाहिए। अगर आप पहले सिंचाई कर देते हैं तो सही समय पर गेहूं की फसल को ग्रोथ मिल जाएगी साथ ही फसल में कल्ले भी ज्यादा मात्रा में लगेंगे। इतना ही नहीं क्योंकि फसल में सही समय पर सिंचाई कर दी जाती है तो फसल की ग्रोथ के साथ-साथ उत्पादन भी बहुत जबरदस्त मिलता है।